कोमल नामक जुलाहा
एक बार एक नगर में,एक कोमल नामक जुलाहा आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। निराश होकर, वह एक बड़े-से शहर में रहने चला गया,एक अच्छे जीवन की इच्छा से। लेकिन,उसने जितने भी पैसे कमाए होते, हर बार एक अनजान आदमी उसके पैसे छीन ले जाता और उसके पास केवल खाली थैली रह जाती। थक-हार के कोमल आत्महत्या करने की कोशिश करने जा रहा था लेकिन एक छाया आई और उसने उसे ऐसा करने से मना कर दिया। उस छाया ने कोमल को अपने दिल की इच्छा कहने को कहा,और तब कोमल ने ढेर सारे पैसे की मांग की। उसे एक बड़े शहर में जाने की सलाह दी गई और वहाँ पर व्यापारियों के बेटे,दमड़ी-छुपाओ और पैसा-फेंको का स्वभाव परखने को कहा। कोमल पहले दमड़ी-छुपाओ से मिला,जिसने उससे अच्छे-से बात नहीं की और वह हैजा के अटैक से गुजर रहा था। फिर वह पैसा-फेंको के पास गया,जिसने उसका बड़ी अच्छी तरह स्वागत किया। आइए जुड़िए कोमल के सफर में और जानिए कि इस सफर में क्या मोड़ आते है और कोमल के भाग्य को कैसे बदलते है।