मनोवृति
                                 Attitude
                              
                              धनपुर नामक एक गाँव में बुजुर्ग लोग बच्चों के लिए नया विद्यालय बनवा रहे थे। मजदूरों के बीच में गोपाल दिखने मे उदास और काम से दूर भागता था,राजू अलग रहता था जब की माधव हमेशा ही काम के बारे मे उत्साही रहता था। उनके विपरीत रवैये के बारे मे जानने को उत्सुक निरीक्षक केतन ने उनसे कारण पूछा। गोपाल ने अपनी अनिच्छा प्रकट की क्योंकि वह कभी भी मजदूर नहीं बनना चाहता था जबकी राजू ने कबूल किया कि वो अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए काम करता था। दूसरी ओर माधव को खुशी प्राप्त होती थी इस कार्य का हिस्सा होने में क्योंकि वह उस शिक्षा के लिए तरसता था जो उसे बचपन में न मिल सकी। केतन ने माधव के दृष्टिकोण की तारीफ की,यह स्वीकार करते हुए कि उनके समान कार्य के बावजूद उनके व्यवहार उनके अनुभवों को बहुत अलग बनाते है।
 
                                 




