माछ चमत्कार कऽ देलक
The Fish who Worked a Miracle
एक बेर बोधिसत्व नामक एकटा माछ किछु अन्य माछ सभक संग एकटा पोखरि मे रहैत छल। गामक सिमान परहक पोखरि सुखाड़क दुआरे सुखा गेलैक। शीघ्रहि अवस्था असहनीय भ' गेलै। ई सब देखि क' बोधिसत्व करुणा सँ ओतप्रोत भ' गेलखिन आ निर्णय केलखिन जे समस्त प्राणी जगत आ मनुष्यक दुखक अंत करबाक लेल ओ वर्षाक देवता केँ आग्रह क'क' मना लेताह। किएकी बोधिसत्व एकटा निश्छल आत्मा छलखिन, वर्षाक देवता हुनकर विनती सुनलखिन आ पृथ्वी पर सभक पीड़ाक अंत करबाक लेल बरखा शुरू क' देलखिन।