योद्धा नहीं कुंभकार
Potter Not Warrior
एक बार,एक गाँव में एक कुंभार रहता था। एक दिन,उसने बहुत ज्यादा शराब पी ली जिसकी वजह से वो एक नुकीले से मिट्टी के बर्तन पर गिर गया और उसके सिर पर एक बड़ी-सी चोट लग गई। इस घटना की वजह से कुंभार के चेहरे पर जो बड़ा-सा निशान आया था उस कारण राजा द्वारा वह योद्धा मान लिया गया था। राजा ऐसा मानते थे कि घाव के निशान साहस के प्रतीक होते है और इसी कारण कुंभार को युद्ध का नेतृत्व करने के लिए कहा। आइए जुड़िए इस कथा से और जानिए की कैसे कुंभार इस परिस्तिथि से बाहर निकलता है।